100 Best Shayaris by Zakir Khan:
Zakir Khan is known name in the stand-up comedy. He is a also a talented shayar and romantic poet which is hidden from the world, Following 20 shayris by zakir khan are the proof of he is an amazing poet and shayar also.
From being a college dropout to becoming one of the most popular stand-up comedians in India the journey of this sakht launda has been inspiring.
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मेरी जमीन तुमसे गहरी रही है,वक़्त आने दो, आसमान भी तुमसे ऊंचा रहेगा।
लूट रहे थे खजाने मां बाप की छाव मे,हम कुड़ियों के खातिर, घर छोड़ के आ गए।
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कामयाबी तेरे लिए हमने खुद को कुछ यूं तैयार कर लिया,मैंने हर जज़्बात बाजार में रख कर एश्तेहार कर लिया ।
यूं तो भूले हैं हमें लोग कई, पहले भी बहुत सेपर तुम जितना कोई उन्मे सें , कभी याद नहीं आया।
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zakir khan best shayariZakir khan poemमेरे घर से दफ्तर के रास्ते मेंतुम्हारी नाम की एक दुकान पढ़ती हैंविडंबना देखो,वहां दवाइयां मिला करती है।
इश्क़ को मासूम रहने दो नोटबुक के आख़री पन्ने परआप उसे किताबों म डाल कर मुस्किल ना कीजिए।
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मेरी औकात मेरे सपनों से इतनी बार हारी हैं केअब उसने बीच में बोलना ही बंद कर दिया है।
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ज़मीन पर आ गिरे जब आसमां से ख़्वाब मेरेज़मीन ने पूछा क्या बनने की कोशिश कर रहे थे।
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Zakir khan shayarisहर एक दस्तूर से बेवफाई मैंने शिद्दत से हैं निभाईरास्ते भी खुद हैं ढूंढे और मंजिल भी खुद बनाई।
Zakir khan shayarisमेरी अपनी और उसकी आरज़ू में फर्क ये थामुझे बस वो...और उसे सारा जमाना चाहिए था।
मेरे इश्क़ से मिली है तेरे हुस्न को ये शोहरत,तेरा ज़िक्र ही कहां था , मेरी दास्तान से पहले।
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गर यकीन ना हों तो बिछड़ कर देख लोतुम मिलोगे सबसे मगर हमारी ही तलाश में।zakir khan famous shayari
Zakir khan shayarisइश्क़ किया थाहक से किया थासिंगल भी रहेंगे तो हक से ।zakir khan shayari sakht launda
Zakir khan shayarisजिंदगी से कुछ ज्यादा नहीं,बस इतनी सी फर्माइश है,अब तस्वीर से नहीं,तफसील से मिलने की ख्वाइश है ।zakir khan best shayari in hindi
ये तो परिंदों की मासूमियत है,वरना दूसरों के घर अब आता जाता कौन हैं।
तुम भी कमाल करते हों ,उम्मीदें इंसान से लगा करशिकवे भगवान से करते हो।zakir khan shayari in hindi
Zakir khan poemsबड़ी कश्मकश में है ये जिंदगी की,तेरा मिलना मिलना इश्क़ था या फरेब।
दिलों की बात करता है ज़माना,पर आज भी मोहब्बतचेहरे से ही शुरू होती हैं।
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बे वजह बेवफाओं को याद किया है,ग़लत लोगों पे बहुत वक़्त बर्बाद किया है।
zakir khan shayari main shunya pe sawar hu,माना कि तुम को भी इश्क़ का तजुर्बा काम नहीं,हमनें भी तो बगों में हैं कई तितलियां उड़ाई।zakir khan shayari about life
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